अक्सर लोगों के मन में यह होता है कि विश्व हृदय दिवस क्यों मनाया जाता है? यह कब से शुरू हुआ ? इत्यादि के उत्तर आज हम जानेंगे तो कृपया हमारे साथ बने रहें।
विश्व हृदय दिवस 29 सितम्बर को मनाया जाता है। यह वर्ष में एक बार इसलिए मनाया जाता है क्योंकि लोगो को जागरूक करने के लिए यह प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।
यह वर्ष 2000 से इसे मानने की शुरुआत की गयी । पहले यह तय था कि सितम्बर के अन्तिम रविवार के दिन world Heart Day को मनाया जाएगा। लेकिन वर्ष 2014 में ईस दिन को और भी खाश बनाने के लिए इसकी एक तारीख़ तय कि गयी जो 29 सितम्बर है।
तब से 29 सितम्बर को विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाया जाने लगा । इस दिन को मनाने का उद्देश्य यह है कि लोगो को इसके बारे में जागरूक करना है। अर्थात दिल से जुड़ी बीमारी के बारे में जागरूक करना है।
वर्तमान समय में बच्चे हो या बूढ़े हो या कोई जवान व्यक्ति सब मे इस बीमारी को देखा जाने लगा है। हृदय रोग आज के समय में पूरे विश्व में एक गंभीर बीमारी बन गया है। हृदय मरीज़ों कि संख्या दिन प्रतिदिन तेजी से बढ़ती जा रही है।
डॉक्टर का भी कहना था कि कोरोना महामारी में इस बीमारी से जूझ रहे लोगो बहुत ही समस्या का सामना करना पड़ा था। और इस कोरोना कि वजह से हृदय रोगी भी अपने घर में कैद रहे। और अपना टाइम पर चेक-अप भी समय से नहीं करवा पा रहे थे।
हृदय रोग अब एक गंभीर बीमारी बन कर बहुत ही तेजी बढ़ रहा है। देखा जाय तो भारत में हर पांचवा व्यक्ति इस बीमारी से जूझ रहा है।
सबसे ज्यादा पिछले 5 सालों मे हृदय के रोगी मिले है । 35 से ज्यादा उम्र के पुरुषों और महिलाओ मे यह बीमारी ज्यादा देखी गयी है। सबसे ज्यादा खान- पान का सही न होने से बीमारी और भी तेजी से बढ़ती जा रही है।
इस वर्ष कि थीम है – “बिल्डिंग अ फ़ेयरर, हेल्दीयर वर्ल्ड “ प्रत्येक वर्ष अलग – अलग थीम पर हृदय दिवस मनाया जाता है। ताकि लोगो में जिस तरह भी जागरूकता बढ़े ।
इस दिन का बस इतना ही है कि ज़्यादा से ज़्यादा लोग इस बीमारी के बारे में जाने और जागरूकता बढ़े। आज कल सबसे ज़्यादा ख़तरा 30-35 वर्ष के लोगों को होने लगा है। इस बीमारी के केश भी सबसे ज़्यादा इस 30-35 उम्र के लोगों में ज़्यादा देखने को मिलता है।
सेहतमंद रहने के टिप्स:
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प्रतिदिन मेहनत करें,योग करें जब तक कि आपको पसीना न आ जाए ।
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लिफ्ट का इस्तमाल न करें हो सके तो आप सीढ़ियों का प्रयोग करें।
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अपने खाने में फल और सलाद जरूर शामिल करें।
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अगर आप अल्कोहल का सेवन करते है तो कृपया इसे छोड़ दे या फिर कम से कम इसका प्रयोग करें।
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रेगुलर बेसिस पर अपना जो भी चेक अप करवाते रहें।
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ज़्यादा से ज़्यादा खुश रहने कि कोशिश करें।
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